Karpoori Thakur Biography in Hindi: आज के समय में जहां नेताओ पर हजार करोड़ रूपये के घोटालो में नाम आ रहे है, बही इस देश ने कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता भी हुए ।
कर्पूरी ठाकुर ने 22 दिसंबर 2017 से 21 अप्रैल 1979 तक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद को संभाला था । दो बार बिहार के मुख्यमंत्री होने के बाद भी उनके पास मरते समय अपने परिवार वालों के देने के लिए कुछ भी नहीं था । ।
आज की इस पोस्ट में हम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जीवन (Karpoori Thakur Biography in Hindi) के बारे में जानेंगे ।
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Karpoori Thakur Biography in Hindi
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार में समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया में हुआ था । इस गांव को अब कर्पूरी ग्राम के नाम से जाना जाता है । कर्पूरी ठाकुर के पिता का नाम श्री गोकुल ठाकुर और माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था ।
इनके पिता पैसे से एक किसान थे और अपने गांव में ही हल चलाने का काम करते थे । कर्पूरी ठाकुर को भारत छोड़ो आंदोलन के समय 26 महीने जेल में भी रहना पड़ा था । वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं । उन्होंने 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तक अपना पहला मुख्यमंत्री का कार्यकाल पद संभाला था ।
24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक कॉर्पोरेट ठाकुर ने बिहार में दूसरे बार मुख्यमंत्री पद को संभाला था । 2024 में कॉर्पोरेट ठाकुर को भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा ।
कर्पूरी ठाकुर व्यक्तिगत जीवन
कर्पूरी ठाकुर का व्यक्तिगत जीवन काफी सरल था । लोग उन्हें जननायक के नाम से बुलाते थे । वह एक सरल और सरस हृदय के राजनेता माने जाते थे वह सदा गरीबों के अधिकार के लिए लड़ते रहते थे उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जननायक कहा जाता था ।
मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने मुंगेरीलाल आयोग के तहत पिछड़ों को 12% आरक्षण दिया । जिसमें 79 जातियां थी उनका जीवन लोगों के लिए आदर्श से काम नहीं है ।
कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक प्रभावशाली वक्ता भी थे । आजादी के समय पटना के कृष्ण टॉकीज हॉल में छठ एक छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने एक क्रांतिकारी भाषण दिया था ।
जिसमें उन्होंने कहा था ” हमारे देश की आबादी इतनी अधिक है कि केवल थूक फेंक देने से अंग्रेजी राज बह जाएगा” इस भाषण के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था ।
वह देशवासियों को सदैव अपने अधिकारों को जानने के लिए जागते रहते थे ।
कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक जीवन
1977 में कॉर्पोरेट ठाकुर ने बिहार के नेता सत्येंद्र नारायण सिंह से नेता पद का चुनाव जीत और राज्य के दो बार मुख्यमंत्री बने ।
कर्पूरी ठाकुर के साथी भी कुछ काम नहीं थे, रामसेवक यादव और मधुलिमय जैसे दिग्गज इनके साथ ही थे ।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं डॉ राम मनोहर लोहिया कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक गुरु थे । इन्होंने ही बिहार में पिछड़ा वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण की व्यवस्था 1977 में की थी ।
कर्पूरी ठाकुर लालू प्रसाद यादव , नितेश कुमार, रामविलास पासवान, और सुशील कुमार मोदी के राजनीतिक गुरु भी थे ।
बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी जब वह मरे तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए उनके पास एक मकान तक नहीं था ।
एक तरफ जहां आज के समय हजारों करोड़ों रुपए के घोटाले में आए दिन नेताओं के नाम आते रहते हैं वहीं कर्पूरी ठाकुर जैसे भी नेता हमारे देश में हुए विश्वास ही नहीं होता उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिल जाएंगे ।
लोग बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तो उनके बहनोई उनके पास नौकरी के सिफारिश के लिए गए थे । कर्पूरी ठाकुर के बहनोई ने उनसे कहा कि सिफारिश करके उनकी सरकारी नौकरी लगवा दें ।
बहनोई की बात सुनकर कर्पूरी ठाकुर ने अपने जेब से ₹50 निकालकर उन्हें दिया और कहा, जाइए उसे तरह आदि खरीद लीजिए और अपना पुश्तैनी धंधा आरंभ कीजिए ।
कर्पूरी ठाकुर जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो अपने बेटे रामनाथ को पत्र लिखना नहीं भूले । वह पत्र में अपने बेटे के लिए तीन बातें लिखते थे । तुम इससे प्रभावित नहीं होना लोग तुम्हें लोग लालच देंगे तो उसे लोग में मत आना उससे मेरी बदनामी होगी ।
2024 में मिलेगा भारत रत्न
केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है । राष्ट्रपति भवन की ओर से बयान जारी करके जानकारी दी गई है ।
जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) की तरफ से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग करी गई थी इस ऐलान के बाद से जेडीयू ने मोदी सरकार का भर जाते हैं ।
अंतिम शब्द
देखिए इस छोटे से ब्लॉक पोस्ट में कर्पूरी ठाकुर के पूरे जीवन के बारे में तो हम आपको नहीं बता सकते हैं । हालांकि उनके जीवन के जो महत्वपूर्ण बातें थी उसको हमने आपको इस पोस्ट Karpoori Thakur Biography in Hindi के जरिए बताया है । अगर यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि वह भी कॉर्पोरेट ठाकुर के बारे में जानकारी हासिल कर सकें ।